वार्षिक पंचांग एकादशी 2023-24

वार्षिक एकादशी गौड़ीय वैष्णव पंचांग 2023-24 – आठ महाद्वादशी ब्रतों की महिमा क्‍यों है ?

ब्रतों का विधान अक्सर करके दो प्रकार का देखा जाता है। एक है वैष्णव विधान तथा दूसरा स्मार्त विधान । स्मार्त अक्सर ज्योतिषशास्त्र के आधार पर ही निर्धारित है । वैष्णवविधान ज्योतिष तथा भगवान श्रीविष्णु के निर्देशानुसार होता है जो कि पुराण, स्मृति शास्त्र एवं उपनिषदों पर आधारित होता है । वर्षभर की एकादशी तिथियों में आठ एकादशियों का ब्रत द्वादशी में ही करना चाहिये ऐसा शास्त्र निर्देश है इसके बारे में ब्रह्मवैवर्तपुराण के श्रीसूत-शौनक संवाद में लिखा है :-

उन्मीलनी व्यंजुली च त्रिस्पुशा पक्षवर्धिनी ।
जया च विजया चैव जयन्ती पाप नाशिनी ॥
द्वादश्याष्टौ महापुण्या: सर्व्यपापहरा द्विज ।
तिथि योगेन जायन्ते चर तत्रा चतुस्पृश्चापरास्तथा ।

यह अष्ट महाद्वादशी, महा पुण्यस्वरूपा एवं पाप नाशक है । इन में वार-नक्षत्र योग आदि होते हैं । यह सब द्वादशी, पातकराशि विनाशिनी हैं । उन्मीलनी, व्युन्जली, त्रिस्पृशा, पक्षवर्धिनी यह चार महाद्वादशी तिथि घटित तथा जया, विजया, जयन्ती, एवं पाप नाशिनी यह चार नक्षत्र घटित महाद्वादशियां हैं, यदि सम्पूर्ण एकादशी अपना भोग काल 60 घडी से भी बढ़कर द्वादशी के प्रातः काल छूने लगती है तो उसे उन्‍्मीलनी कहा जाता है । एवं यदि एकादशी 60 घड़ी सम्पूर्ण हो किन्तु द्वादशी तिथि 60 घड़ी से अधिक बढ़कर त््योदशी को भोगना चाहती हो तो उसे व्यन्जुली महाद्वादशी कहा जाता है । यदि कभी एक ही दिन में प्रातः काल में हो एकादशी, सारा दिन हो द्वादशी तथा रात्रि शेष में हो त्रयोदशी, तो उसे त्रिस्पृशा महाद्वादशी कहा जाता है । एकादशी तिथि पूरी हो किन्तु यदि अमावस्या अथवा पूर्णमासी अपना भोगकाल 60 घड़ी से ज्यादा बढ़ जाए तब एकादशी का ब्रत द्वादशी में ही होगा उस का नाम पक्षवर्धिनी। शुक्ल पक्ष की द्वादशी को यदि पुनर्वसु, श्रवणा, रोहिणी एवं पुष्य नक्षत्र के योग हो तो ब्रत द्वादशी में होगा । पुनर्वसु नक्षत्र के योग से जया, श्रवणा नक्षत्र के योग से विजया, रोहिणी नक्षत्र के योग से जयन्ती तथा पुष्य नक्षत्र के योग से पाप नाशिनी महाद्वादशी होगी।

Hare Krishna! iskcon vaishnava calendar 2022-23 pdf3

Ekadashi एकादशी
Putrada Ekadasi
पुत्रदा एकादशी
Sat Tila Ekadasi
सत टीला एकादशी
Vijaya Ekadasi
विजया एकादशी
Amalaki Ekadasi
आमलकी एकादशी
Papamocani Ekadasi
पापमोकनी एकादशी
Kamada Ekadasi
कामदा एकादशी
Varuthini Ekadasi
वरुथिनी एकादशी
Mohini Ekadasi
मोहिनी एकादशी
Apara Ekadasi
अपरा एकादशी
Nirjala Ekadasi
निर्जला एकादशी
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योगिनी एकादशी
Sayana Ekadasi
सयाना एकादशी
Kamika Ekadasi
कामिका एकादशी
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पवित्रोपान एकादशी
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पार्श्व एकादशी
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पापंकुशा एकादशी
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रमा एकादशी
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उत्थान एकादशी
Moksada Ekadasi
मोक्षदा एकादशी
Saphala Ekadasi
सफला एकादशी
Bhaimi Ekadasi
भैमी एकादशी
Utpanna Ekadasi
उत्पन्ना एकादशी