Srila Bhakti Prasad Vishnu Goswami Guru Maharaj

अखिल भारतीय श्री चैतन्य महाप्रभु गौड़ीय मठ के संस्थापकाचार्य त्रिदण्डी स्वामी श्रीमद्‌ भक्ति प्रसाद विष्णु गोस्वामी महाराज जी श्री ब्रह्माजी के अनुगत श्रीमन्मध्वाचार्य की गुरू परम्परा धारा में 34वें परम वैष्णव सन्त शास्त्र पारदर्शी आचार्य है। जिनका जन्म 1960 में शुभ दीपावली अमावस्या वाले दिन पश्चिम बंगाल मुर्शिदाबाद में हुआ इनके पिता श्री अजीत चट्टोपाध्याय जी और माता श्री मति माया देवी जी थे।

तत्पश्चात श्री गुरुदेव 9 साल की आयु में घर छोड़ दिया और अपने श्री गुरुदेव  नित्य लीला प्रविष्ट ऊं विष्णुपाद भक्ति दयित माधव गोस्वामी महाराज जी के चरण ग्रहण कर वृंदावन में श्री चैतन्य गौडी़य मठ में रहकर आध्यात्मिक शिक्षा ग्रहण की।

सन 1970 में परम गुरुदेव नित्य लीला प्रविष्ट ऊं विष्णुपाद भक्ति दयित माधव गोस्वामी महाराज जी से दीक्षा प्राप्त कर पूर्ण शरणागति से मठ में भगवान् की अष्टकालीन सेवाएं की।

सन् 1981 से श्रीमद्भागवत प्रारंभ किया । और आज तक हर गांव , हर नगर, हर प्रांत , हर प्रदेश, पूरे भारत भूमि एवं विदेशों में भी भागवत कथा करके कृष्ण भक्ति का प्रचार कर रहे हैं ।

सन 2000 में पूज्य पाद नित्य लीला प्रविष्ट ऊं विष्णु पाद श्रीमद् भक्ति कुमुद संत गोस्वामी महाराज जी से सन्यास ग्रहण किया 2000 में श्री गुरु महाराज ने अपने मठों की स्थापना की श्री चैतन्य महाप्रभु गौडीय मठ सेवा ट्रस्ट के नाम से स्थापना कर जगह जगह मठ  मंदिरो की स्थापना की जिसमे — वृन्दावन, छिनपारइ, हिमाचल प्रदेश (हमीरपुर), कोलकाता, मेदनीपुर, में ठाकुर सेवा वैष्णव सेवा गौ सेवा  सुचारू रूप से चल रही है।